यह जो फोटो आप लोग देख रहे हैं यह दिल्ली में स्थित लाल किले की है और यह जो पानी आया हुआ है यह यमुना नदी का पानी है।
लाल किले को जो 40 साल से देख रहे हैं वो देखें पहले के दृश्य और आज के दृश्य में कितना अंतर आ चुका है।
दूसरी तस्वीर इमेजिन है जब पहले नदी को आजादी थी विचरण करने की। तो लगभग हर साल नदी कोडिया पुल के नीचे से होकर जाती थी। बस, कार के बजाय नाव का रास्ता था ये।
परंतु दिल्ली के रास्ते विशाल बनाने के क्रम में नदी को अंदर ही बांध दिया है, आउटर रिंग रोड को सुरक्षित करने के लिए। पर नदी तो नदी है , अपना रास्ता ढूंढकर ही मानेगी।
कुदरत को बांधना कोई सभ्यता नही है। कुदरत के साथ सहस्तितव से जियो न कि कुदरत को गुलाम बनाकर।
