🚩🚩जय भोलेनाथ 🚩🚩
एक महानुभाव थे, दिन रात भगवान शिव को गाली देते थे, गाली की आवृति रोज बढ़ती गयी, उनकी पत्नी को यह तनिक न सुहाता, एक दिन पत्नी ने कहा कि गाली मत दिया करो रोज एक लोटा जल चढ़ाया करो कुछ पाप कम होंगे, विवेक जागृत होगा। यह सुनकर वो सज्जन और चिढ़ गए बोले तू जल चढ़ाने की बात करती है मैं आज से रोज पिंडी पर दो लाठी मार कर आऊंगा।
बरस दर बरस बीतते रहे, वो सज्जन बिना डंडा मारे भोजन न करते, एक दिन आंधी पानी जोर से आया, पत्नी जल चढ़ाने नहीं जा पायी, उन सज्जन का मन मंदिर में ही लगा था, आँखों के सामने पिंडी नाच रही थी, पत्नी ने खाना लगा दिया, वो थाली हटा कर बोले, बिना डंडा लगाए भोजन गले से नहीं उतरेगा रे, ला लाठी दे दे। पत्नी ने पैर पकड़ लिए बोली बाहर बहुत आंधी पानी है, उन्होंने एक न सुनी, कमर में गमछा बाँधा लाठी लिए और पत्नी से कहा तुम प्रतीक्षा करो मैं अभी आया।
किसी तरह गिरते पड़ते वह मंदिर पहुँचे और पिंडी से बोले क्या समझते थे मैं आऊंगा नहीं कहकर जैसे ही लाठी हवा में उठाई भोलेनाथ प्रकट हो गए, बोले तू मेरा सच्चा भक्त है, वो सज्जन महादेव को देख भय और भाव से चरणों में गिर गए, छमहु नाथ सब अवगुन मोरे। भगवान ने भक्त को गले लगा लिया, बोले इस आंधी पानी में आज मेरे पास कोई नहीं आया तू आया, मैं तेरे इस भाव और निरंतरता से प्रसन्न हूँ। वो महानुभाव रोते गए, शिवोहम होते गए।
यह सनातन की 'बेअदबी' है जो भक्त को भगवान से मिला देता है, भृगु ने विष्णु जी की छाती में लात मार दी तो प्रभु उस पैर को दबाने लगे बोले चोट तो नहीं लगी, यह सनातन 'बेअदबी' है। शिशुपाल की निन्यानाबे 'बेअदबी' को हँस कर क्षमा करने वाला घर घर में पूजा जाता है।
साबुन गंदगी को साफ करेगा, गुरु के द्वार भटके हुए को मार्ग ही मिलेगा, जहाँ करुणा नहीं वहाँ धर्म नहीं हो सकता। जहाँ भाव नहीं वहाँ भगवान नहीं हो सकता है।
महादेव कल्याण करें ! 🙏साभार🙏

Neeraj Mahajan
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