पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा पर विपक्षियों ने अपना मुंह बंद कर रखा है।

कांग्रेस और लेफ्ट ने तो अपने स्वार्थ में, अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने के लिए छोड़ दिया है।

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