2 yıl - çevirmek

जो ज्योति-सा मेरे हृदय में

रोशनी भरता रहा

वह देवता...

जो साँस बन इस देह में

आता रहा

जाता रहा

वह देवता...

जो दूर रह कर भी

सदा से

साथ मेरे है

यही अहसास

देता रहा

वह देवता....

मैं जागता हूँ

या नहीं

यह देखने

द्वार पर मेरे

दस्तक सदा

देता रहा वह देवता...

जो गति

मेरी नियति था मुझे करता रहा

ठीक मुझ-सा ही

वह देवता

image