वक़्त कब किसका पलट जाए कोई नहीं जानता..वक़्त फ़िल्म का एक डायलाॅग है...
..फिल्मी दुनिया में ये कारनामे अक्सर होते रहते हैं इनमें एक क़िस्सा एक घर का भी है जो अपने आप में इतिहास है
मेरठ से आया एक नौजवान जब बैजू बावरा में तू गंगा की मौज मैं जमुना की धार गीत अपने लहलारते बालों से गाता है तो फ़िल्मी दुनिया में तहलका मचा जाता है और रातों रात स्टार बन जाता है.. मैं भारत भूषण की बात कर रहा हूँ..भारत भूषण जब बुलंदियो पर थे तो बांद्रा मे एक बंगला खरीदा.. सामने समंदर की लहरें और हवाएं..
