2 jr - Vertalen

लगभग 400 साल पहले यह पेंटिंग उस औरत ने तब बनाई जब उसके रेप का मुकदमा चल रहा था।

16वीं शताब्दी में आर्टेमेशिया जेंटिलास्की (Artemisia Gentileschi) का जन्म रोम में हुआ, जहां का समाज पूरी तरह पुरुषवादी था। जिसमें औरतें सिर्फ पुरुषों की प्रोपर्टी हुआ करती थीं और रोम में तब पादरियों की हुकूमत चलती थी। यानी चर्च का पादरी ही जज होता था।

आर्टेमेशिया का बलात्कार आर्टेमेशिया के टीचर Agostino Tassi ने ही किया जिसको आर्टेमेशिया के पिता ने पेंटिंग सिखाने के लिए को बहाल किया हुआ था। एगस्टिनो टासी उस वक्त का प्रसिद्ध पेंटर था, जो चर्च की दीवारों पर अपनी चित्रकारी के लिए जाना जाता था।
आर्टेमेशिया के बलात्कार का मुकदमा 10 महीने तक चला, न्याय करने वाले जज ने बेहद बेतूका तरीके और स्त्रीद्वेष से भरी मानसिकता के साथ इसका फैसला सुनाया।

जज ने आर्टेमेशिया को टॉर्चर करने का फैसला किया। उन्होंने आर्टेमेशिया की उंगली काटने जैसे टॉर्चर दिये। एक पेंटर के लिए इससे ज्यादा डरावना कुछ नहीं हो सकता। जज ऐसा करके निश्चित रूप से यह पता लगाना चाह रहा था कि क्या वह झूठ बोल रही है या नहीं। बजाय इसके कि यह व्यवहार आरोपी बलात्कारी के साथ करना चाहिए था, जज ने उल्टा आर्टेमेशिया को ही टॉर्चर किया। जज नहीं चाहता था कि एगस्टिनो टासी के रूप में चर्च को एक बेहतरीन चित्रकार खोना पड़े। रोमन सम्राज्य के पतन के मुख्य कारणों में से एक उसकी ऐसी यह भेदभाव भरी नीति भी रही।

इस तरह के उत्पीड़न के बाद भी आर्टेमेशिया ने उस अदालत को वही कहा जो उसने पहले ही अदालत को बताया था। न्यायाधीश ने तब जाकर ये माना कि वह सच बोल रही है। जज ने एगस्टिनो टासी को दोषी ठहराते हुए उसे रोम से 5 महीने के लिए देशनिकाला तो किया, मगर उसे जेल नहीं हुई। बदले में आर्टेमेशिया सार्वजनिक रूप से अपमानित की गई।

पुरुष चित्रकारों से भरे युग में, आर्टेमिसिया पहली महिला चित्रकार थीं जिन्होंने अपनी खुद की एक सनसनीखेज शैली विकसित की। जिसमें नाटकीय प्रकाश, बोल्ड संरचना और जिसमें महिलाओं की मजबूती साफ़ झलकती है।

Artemisia Gentileschi की कला उस व्यक्ति के लिए क्रूर प्रतिशोध और बदला लेने की भावना से प्रेरित थी जिसने उसके साथ बलात्कार किया। उसने अपनी कला को एक हथियार में बदलकर जवाब दिया।
और इसी वजह से इसे मास्टरपीस पेंटिंग का दर्जा हासिल है।

image