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* मारवाड़ रियासत की सेना ‘जोधपुर रिसाला’ (रणबाँकुरो की सेना) के साथ महाराजा सर प्रताप सिंह जी ।
* जोधपुर रिसाला, जोधपुर लांसर्स,व सुमेर कैमल कौर, सहित मारवाड़ की सभी सेनाओं में क़ायमखानी 33 से 35% तक रहते थें
(फोटो क़रीब 110 वर्ष पूर्व)
* महाराजा सर प्रताप सिंह जी, मारवाड़ के महाराजा तख़्त सिंह जी के तीसरे पुत्र थे।
* 1916 में ब्रिटिश सरकार ने महाराजा प्रताप सिंह जी को बहादुरी के कारण "सर" की उपाधि दी।
* महाराजा सर प्रताप सिंह जी कभी भी मारवाड़ की राजगद्दी पर नहीं बैठे परन्तु अपने जीते जी गद्दी पर विराजमान सभी शासकों का संरक्षण पूरी निष्ठा के साथ किया और राज्य के लिए कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कार्य किये।
* अपने शासन काल में महाराजा सर प्रताप सिंह जी जोधपुर के ‘चार शासकों के संरक्षक’ और समर्थक व प्रधानमंत्री रहे थे।
* इसलिए महाराजा सर प्रताप सिंह जी को ‘राजाओं का राजा’ कहा जाता था।

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