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नाम - मेहरदीन जी
गांव - नेड़ाउ , पोकरण के पास, जैसलमेर
पिछले 20 साल से लगातार, निःस्वार्थ,अवैतनिक रोज का एक ही नियम... सुबह घर से 8 बजे ये रथ लेकर निकल पड़ना और और टोकरी बजाते हुए जैसलमेर भीतरी शहर की तमाम गलियां घूमते हुए 12-1 बजे गौशाला पहुंच जाना।
इस दौरान घरों मे जो भी रोटियां या अन्य खाने की चीजें बनी होती है लोग इसमें डाल देते हैं। वो इसे गौशाला तक पहुँचा देते हैं ..
नोट-नूँह मे कुछ यात्रा निकालने वाले लोग एक घर मे छिप गये थे जान बचाने के लिये, जिस घर मे वो जान बचाने के लिये छिपे थे, वो भी बुल्डोज़र से नही बच‌ सका

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