2 anni - Tradurre

कहतें हैं व्यापार माहौल और अनुकूल प्रस्थिति पर चल जाता हैं,
देश मे इस समय हिंदू- मुस्लिम, हिंदुस्तान- पाकिस्तान का माहौल हैं इसी माहौल का फायदा गदर के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा को जबरन हीरो बनाने के लिए उठाया हैं,
गदर_2 कही से भी सकीना बनी अमिशा पटेल और तारा सिंह बने सन्नी पाजी की नहीं लगती पूरी फिल्म जीते बने उत्कर्ष शर्मा की लगती हैं, पूरी फिल्म मे एक पिता का पुत्र का कॅरिअर बनाने का संघर्ष दिखाई देता हैं , और इसी चक्कर मे एक सुपर- डुपर हिट फिल्म का सिक्वेल एक अवरेज फिल्म बन कर रह जाती हैं,
बेशक माहौल के हिसाब से ये फिल्म पैसे कमा लेगी, पर इस फिल्म को देख दर्शक गदर_1 की याद और सराहना और करेंगे, चाहे ओ असरफ अली बने अमरीशपूरी साहब हो या तारा सिंह बने अपने सन्नी पाजी, नैरेटर के रूप मे ओम पूरी साहब की आवाज़ भी ताजी हो जाती हैं, उस दौर मे गदर का हर एक डायलॉग सिनेमा हॉल से निकलते ही दर्शक के जेहन मे बस गया था :- 65 करोड़ रुपया दिये थे तब जाकर सर पर तरपाल आया था...................
गदर_2
सकीना को तीन कामो के लिए रखा गया
1. रोने के लिए
2. पहले जीते को तारा को लाने के पाकिस्तान भेजने के लिए
3. फिर तारा को जीते को पाकिस्तान से लाने के लिए
सन्नी पाजी से तीन कामो के लिए रखा गया
1. चिलाने के लिए
2. चिलाने के लिए
3. चिलाने के लिए
मिला जुला कर बस मैं यही कहूंगा :- मजा नही आया

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