'बिंदेश्वर पाठक की कमी खलेगी'
उन्होंने स्वच्छता के विचार को, बहुत इनोवेटिव तरीके से संस्था का रूप दिया। सुलभ इंटरनेशनल के माध्यम से उन्होंने ऐसा आर्थिक मॉडल दिया, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता था।
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