इस बार गांव गया तो पापा की अलमारी से ये तस्वीर मिली। साल 1974-75 की तस्वीर है। सत्र पूरा होने के बाद पहले 10वीं और 12वीं के छात्रों की इस तरह की तस्वीरें खिंचाने की गांवों तक में परंपरा थी। ध्यान से देखेंगे तो पूरे समूह में सिर्फ़ पापा ने ही टाई पहनी हुई है। पापा को हमेशा टिंच रहने की आदत रही। बिना प्रेस की हुई शर्ट और पैंट उन्होंने कभी नहीं पहनी और जूते बिना पॉलिश के। समय की पाबंदी ऐसी कि लोग उनके आने-जाने से घड़ी मिला सकते थे।

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