2 yıl - çevirmek

सचिन तोमर की कलम से ✍️
मेरे गांव में पिछले 25 साल में लगभग 62 लड़के दिल्ली और यूपी पुलिस में लगे है, 5 दरोगा लगे है, 1 CGl इंस्पेक्टर लगा है, एक PCS लगा है, 5 इंजीनियर बने है, 1 बड़ा ऑनलाइन teacher भी। 8 आर्मी में लगे है, 6 airforce में, 2 navy में, 12 cisf,Crpf, bsf में, 4 रेल्वे में।
लडक़ियों की बात करूं तो 5 कांस्टेबल लगी है, एक दरोगा, 1 सरकारी टीचर, 1 इंजीनियर, 1 दिल्ली सरकार में क्लर्क, एक लड़की और है बिना इंजीनियरिंग किए प्राइवेट जॉब कर रहीं।
कुल 107 लड़के नौकरी पर लगे पिछले 25 साल में और कुल 9 लड़किया जॉब पर लगी 25 साल में, लड़कों 107 में से 4 लड़कों ने love marriage की जिनमे 1 दूसरी जाति में थी, लडक़ियों मे 9 में से 8 लडक़ियों ने love marriage की जिनमे 5 दूसरी जाति में थी। अबसे 10 साल पहले में गांव वालों को कहता था लडक़ियों को खूब पढ़ाओ में बूढ़ों को बेवकूफ़ सोचता था कि नौकरी से रोकते लड़कियो, अब उन बूढ़ों के सामने मेरा मू झुक जाता है। कोई लड़की जॉब पर लगती है तो खुशी बिल्कुल भी नहीं होती। एक केस ऐसा था जिसने मुझे हिला दिया, लड़की यूपी पुलिस में कांस्टेबल कोर्ट marriage करने जा रहीं थीं उसके भाई की कई दिन से उससे खूब बहस हुई लेकिन एक दिन उसने पुलिस बुला के भाई जेल में डलवा दिया जिसमें लड़की के साथ उसकी माँ भी थीं, लड़के जबसे माँ के हाथ की रोटी नहीं खाई और गम में रोज शाम को दारू पीके रोता है! तबसे मेंने लिखना चालू किया यहा पर!