इन दिनों गांव गली दुकान ऑफिस बाजार जहां भी बैठता हूं।
बायतु में चर्चा सिर्फ उम्मीदों के उम्मेद की हो रही है।
भला आदमी है आदमी इंसानियत वाला है इस बार जीत जाए बस आम जन की भावना ।