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बुलाकी दास स्वामी गंगा शहर बीकानेर का ग्रुप की आदरणीय सदस्यों को हाथ जोड़कर राम राम सा*
यह विश्व अनेक खुबियों से भरा हुआ है... आवश्यकता है देखने की.. समझने की.. जानने की.. उसके परिचय की... हम उसे सकारात्मक रूप से देखेंगे तो हर वस्तु में गुण... अच्छाई, सुन्दरता और दूसरे की विशेषताएं दिखाई देगी और नकारात्मक दृष्टि से देखेंगे तो उसमें बुराईयां ही बुराईयां नजर आयेगी... इसलिए सदैव सकारात्मक सोचे.. उसकी प्रशंसा करें.. उसकी अनुमोदना करें... इस प्रकार बार बार अभ्यास करने से अपनी सोच भी बदल सकती है...इस संसार में सबको प्रशंसा अच्छी लगती है.... इसलिए सबकी प्रशंसा करें... प्रशंसा करने की आदत डालें..दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करने से अपना जीवन सुन्दर और सुगंधित बनता है...हमें दूसरों के गुण देखने चाहिए... जो दूसरों के गुण देखता है... और उनके गुणों की प्रशंसा करता है.. वह व्यक्ति सब जगह प्रशंसा पाता है...सबको अच्छा लगता है..देखने का नज़रिया ही बदल लें, गुण ही देखना शुरू करें...

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