2 yıl - çevirmek

इनसे मिलिए, इनका नाम राकेश है । मुम्बई के अंधेरी इलाके में इनकी सेकंड हैंड पुस्तकों की एक छोटी सी दुकान है, जहां से आप लगभग 10/- रुपए में कोई भी पुस्तक किराए पे लेके पढ़ सकते हैं ।
जब इनसे पूछा गया कि इस काम से आपका गुजर-बसर हो जाता है?? तो राकेश जी ने कहा कि- इस दुनिया में लोग पैसे इसलिए कमाते हैं ताकि वो अपने शौक पूरे कर सकें । .. मुझे पढ़ने का शौक़ है ..और वो शौक़ बिना पैसे खर्च किये ही पूरा हो रहा है, उसके अलावा बेसिक जरूरतों के लायक पैसा मिल ही जाता है, तो मैं संतुष्ट हूँ.. ❤️😊
विश्व आत्महत्या निरोध दिवस (10 सितंबर ) के दिन ये शेयर कर रहा हूँ ताकि कुछ लोग कैरियर/सपने को एक धक्का लगने भर से suicide के बारे में सोचने लगते हैं , शायद उनतक भी ये कहानी पहुँचे और वो ये देख सकें कि पिछले 9 महीनों से इस दुनिया में जिंदा रहना ही सबसे बड़ा संघर्ष है,और जिंदा रहने के साथ साथ पैसे कमाने के कई अच्छे तरीके होते हैं,आप किसी में भी माहिर बन सकते हैं ।

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