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मेजर आर.के.शर्मा.
युद्धक्षेत्र में शहीद सैनिक साथी के शव को बाजू में लेकर 40 घंटे तक दुश्मन से लडता बहादुर सैनिक.
शोर्य पर्व - 20 सितंबर सन 1965 ई. तरन तारन, पंजाब.
तरन-तारन इलाके में दुश्मन की 7 बलूच कंपनी आ
पहुंची थी. वे 30 जयमल सिंह एरिया के दो डिवीजन के बीच के क्षेत्र को बांटना चाहते थे. उन्हें खदेडऩे के लिए स्पेशल टास्क 19 मराठा रेजिमेंट की सी-कंपनी को दिया गया था. इसे मेजर एम ए जाकी कमांड कर रहे थे. इस कंपनी में भोपाल के किशन शर्मा प्लाटून कमांडर थे. शर्मा कहते हैं कि दो दिन पहले ही गांव के लोगों से पता चला था कि पाकिस्तानी रेंजर्स भारतीय इलाके में आ पहुंचे हैं. खुफिया सूचना थी कि इस इलाके से जो घुसपैठ हुई है उसका लक्ष्य अमृतसर पहुंचने का है. 20 सितंबर सन 1965 ई. सुबह के 6.30 बजे थे, रात में ठीक से नींद नहीं होने और अलसाए दुश्मन पर हमला बोलने के लिए यह समय सटीक था. गन्ने के खेतों से छुपते हुए हम करीब एक घंटे ही आगे चले थे कि दुश्मन ने फायरिंग शुरू कर दी. हमारे टैंक कीचड़ में फंस गए. उन्हें निकालने में यूनिट के एक मेजर और अफसर शहीद हो गए. जंग की खबरें धक्का पहुंचाने वाली थी. ऐसे में हमें आदेश मिला था दुश्मन से भिड़ जाने का. दुश्मन गड्ढों में छिपकर फायर कर रहे थे. मेजर जाकी की दायीं बांह में गोली लगी फिर भी हम लड़ते रहे. पाकिस्तानी फौज को ग्रेनेड, बैनट, जवानों के शव, नक्शे और बारूद से भरे ट्रक छोड़कर भागना पड़ा. हमारी टास्क फोर्स को कमांड किया मिलिट्री क्रॉस, वीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर प्यारा सिंह ने, बटालियन कमांडर थे लेफ्टिनेंट एसजी परब. 22 सितंबर की सुबह उन्होंने फिर जोरदार हमला किया. मुकाबला करने के लिए हमारे पास आरसीएल गन, सेंचुरियन टैंक थे. देर रात तक फायरिंग हुई लेकिन हमने दुश्मन को अपने इलाकों में दोबारा घुसने का कोई मौका नहीं दिया. रात 3.30 बजे सीज फायर की घोषणा हुई. तीन दिन में तीन अफसरों समेत 14 फौजी शहीद हुए. कई जख्मी हुए, मेजर जाकी को वीर चक्र प्रदान किया गया. मैं कभी भूल नहीं सकता जब 40 घंटे तक मेरे बाजू में एक शहीद साथी का शव था.
1965 के युद्ध के 50 साल पूरे होने पर युद्ध के वीरों का राष्ट्रपति भवन में सम्मान किया गया. मेजर शर्मा भी उसमें शामिल हुए. इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वीरों को सेलयूट किया. एयर मार्शल अर्जन सिंह भी समारोह पहुंचे थे.
साभार : पंकज चौहान
संकलन : दिनेश भंडुला

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