🚩🚩🚩श्री राम कथा की महत्ता🚩🚩🚩
🎤गोस्वामी तुलसीदास जी बाल काण्ड के दोहा 31/3
में लिखते है की
बुध बिश्राम सकल जन रंजनि। रामकथा कलि कलुष बिभंजनि॥
रामकथा कलि पंनग भरनी। पुनि बिबेक पावक कहुँ अरनी॥3॥
-रामकथा पण्डितों ,(बुध)को विश्राम देने वाली, सब मनुष्यों को प्रसन्न करने वाली और कलियुग के पापों((पनंग) का नाश करने वाली है। रामकथा कलियुग रूपी साँप के लिए मोरनी है और विवेक रूपी अग्नि के प्रकट करने के लिए अरणि (मंथन की जाने वाली लकड़ी) है, (अर्थात इस कथा से ज्ञान की प्राप्ति होती है)॥3॥
उसके पहले अपने अनुभव को लिखते है की
*मैं पुनि निज गुर सन सुनी कथा सो सूकरखेत।
समुझी नहिं तसि बालपन तब अति रहेउँ अचेत॥30 क॥
अब यहां पर मैं पुनि अर्थात वही कथा जो भगवान संकर ने रचकर अपने मन में रखा था
संभु कीन्ह यह चरित सुहावा।
बहुरि कृपा करि उमहि सुनावा॥
सोइ सिव कागभुसुंडिहि दीन्हा।
राम भगत अधिकारी चीन्हा॥2॥
*तेहि सन जागबलिक पुनि पावा।
तिन्ह पुनि भरद्वाज प्रति गावा॥
भावार्थ:-फिर वही कथा मैंने वाराह क्षेत्र में अपने गुरुजी से सुनी, परन्तु उस समय मैं लड़कपन के कारण बहुत बेसमझ था, इससे उसको उस प्रकार (अच्छी तरह) समझा नहीं॥30 (क)॥
तदपि कही गुर बारहिं बारा।
समुझि परी कछु मति अनुसारा॥
🚩बाबा कहते है की गुरु जी ने एक बार नही कई बार श्री राम कथा सुनाई तब कुछ कुछ मुझे कथा समझ में आई।
बंधुओं संदेश ये प्राप्त होता है की श्री राम कथा कई बार सुनने को मिलती है किंतु हम लोग अंदर श्रद्धा पूर्वक नही सुनने के कारण समझ नही पाते है किंतु कई बार
🚩🚩सुनते सुनते सुनते सुनते सुनते सुनते🚩🚩
कथा समझ में आने लगती है और हम कब श्रोता से वक्ता बन गए हमे खुद भी नही पता चलता है।
❤️ये बड़ा गूढ़ अनुभव या मंत्र है जो बाबा तुलसी ने हमे बताया है।
🚩🚩सभी को सादर जय सियाराम 🙏🙏🙏🙏
