अमीरों के विवाह से लाल जोड़े गायब होते जा रहे।
उनकी शादी उनका निजी मामला है लेकिन आजकल देख रहा हूँ।।
#हिंदुओं को विदेशी धर्म बनने का शौक चढ़ा है पश्चिमी रीति रिवाज के फैशन के नशे में चूर हैं,
बिना किसी मुहूर्त के चतुर्मास में शादी हो जा रही
आजकल शादी में न लाल जोड़ा, ना माथे पर बिंदिया, ना सिंदूर, ना लाल चूड़ी।
विवाह का रंगीन जोड़ा आने वाले जीवन में खुशियों के रंग को दर्शाता है पर अब चटख रंग ही नहीं होते, शायद इसीलिए वैवाहिक संबंध भी ज्यादा दिन रंगीन नहीं रहते।

जो नवविवाहित जोड़े इतने ज्यादा पैसे खर्चे करके फोटोशूट कराकर इतनी खुशी-खुशी विवाह भी करते है।
और सामान्यतः कुछ महीनों बाद इनके अलग होने की खबरे भी आ ही जाती है...!
और ऐसे ही लोगों को हमारी युवा पीढ़ी अपना यूथ आइकन बनाती है आखिर कहां तक जायेगा ये समाज ..?

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