*हे परम आदरणीय पूर्वजों !!! ,*
*सात सौ वर्षो की इस्लामिक सत्ता और दो सौ वर्षो के ईसाई शासन के पश्चात भी आज हम अपने त्योहार मना पाते हैं,*
*अपने देवी देवताओं की पूजा कर पाते हैं और अपने देश मे गर्व से रह पाते हैं, ये सब इसीलिए सम्भव हो पाया क्योंकि आपने तलवार के भय अथवा धन के मोह में अपना धर्म परिवर्तित नहीं किया ।*
*हम सदैव आपके ऋणी रहेंगे, ये पितृपक्ष आपके अदम्य शौर्य और आपकी निःस्वार्थ राष्ट्र भक्ति को समर्पित ।*
*आपके गौरवशाली वंशज*
