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इतिहास में पहली बार भारत ने एशियन गेम्स जेवलिन थ्रो का गोल्ड और सिल्वर दोनों जीत लिया है। नीरज चोपड़ा ने पहले प्रयास में 87 मीटर जेवलिन फेंकी, लेकिन चीनी अंपायर ने इसे अमान्य करार दे दिया। नीरज चोपड़ा इसके बाद खासे नाराज नजर आए। पहले ऑफिसियल प्रयास में नीरज ने 82.38 मीटर भाला फेंका। दूसरे प्रयास में उन्होंने 84.49 मीटर का डिस्टेंस कवर किया। भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाले जेना किशोर ने पहले प्रयास में 81.26 मीटर भाला फेंका। किशोर जेना का भी दूसरा अटेम्प्ट अज्ञात कारणों से अमान्य करार दे दिया गया। इसके बाद उन्होंने दूसरे मान्य प्रयास में में 79.76 मीटर दूर भाला फेंका। जबकि जेना किशोर ने अपने तीसरे प्रयास में 86.77 मीटर स्कोर किया। इस खिलाड़ी ने नीरज चोपड़ा के साथ कड़ा संघर्ष किया। हालांकि अंत में गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने बाजी मार ली। दोनों खिलाड़ियों को रोकने के लिए चीनी अंपायर ने पूरा जोर लगा दिया, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी।
किशोर जेना ओडिशा के पुरी शहर के रहने वाले हैं। किशोर जेना वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5वें नंबर पर आए थे। उन्होंने 84.77 मीटर का थ्रो किया था। उस वक्त किशोर ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। एशियन गेम्स के जेवलिन थ्रो इवेंट में किशोर जेना नीरज चोपड़ा को जेवलिन में जोरदार टक्कर दे रहे थे। जेना तीसरे प्रयास में नीरज से आगे निकल गए थे। हालांकि नीरज चोपड़ा ने चौथे प्रयास में 88.88 मीटर थ्रो कर 86.77 मीटर दूर जेवलिन थ्रो करने वाले किशोर को पीछे छोड़ दिया। जैसे ही नीरज चोपड़ा ने सबसे दूर जेवलिन थ्रो किया, किशोर जेना ने पूरे उत्साह के साथ जश्न मनाया। दोनों खिलाड़ी जिस तरह लगातार एक-दूसरे का हौसला बढ़ा रहे थे, यह देखना तमाम भारतवासियों के लिए बेहद सुखद अनुभव था। सिल्वर मेडल जीतने के साथ ही किशोर जेना ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे। Lekhanbaji के साथ भारत मां के दोनों सपूतों को अपनी शुभकामनाएं दें। ❤️

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