मेवाड़ में शुरू से ही सामन्तों का दबदबा रहा है। ऐसे अवसर भी आए, जब सामन्तों ने मेवाड़ का तख्ता पलट दिया हो।
मेवाड़ के शासक सामंतसिंह को 12वीं सदी में किसी बात से नाराज होकर सामन्तों ने पद से हटा दिया था।
जब महाराणा कुम्भा के पुत्र उदा ने उनकी हत्या करके राजगद्दी हासिल कर ली, तो सामन्तों ने उदा के छोटे भाई रायमल का राजतिलक कर दिया।
जब दुराचारी बनवीर ने मेवाड़ की राजगद्दी हथिया ली, तो सामन्तों ने उसके विरुद्ध जाकर महाराणा उदयसिंह का राजतिलक कर दिया।
महाराणा उदयसिंह के देहांत के बाद जब उनका 9वां पुत्र जगमाल गद्दी पर बैठ गया, तब सामन्तों ने उसे पद से हटाकर महाराणा प्रताप का राजतिलक किया।
महाराणा अरिसिंह ने सामन्तों के साथ दुर्व्यवहार किया, तो सामन्तों ने उनको पद से हटाने के लिए उनसे युद्ध लड़े।
(पेंटिंग में मेवाड़ के सामन्तों द्वारा जगमाल को राजगद्दी से हटाते हुए दिखाया गया है)
पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत