इन 9 रूपों को देवताओं ने अपने-अपने शस्त्र देकर महिषासुर को वध करने का निवेदन किया. शस्त्र धारण करके माता शक्ति संपन्न हो गई. कहते हैं कि नौ रूपों को प्रकट करने का क्रम चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नवमी तक चला. इसलिए इन 9 दिनों को चैत्र नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.