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या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
आदिशक्ति माँ भगवती के चतुर्थ स्वरूप माँ कूष्माण्डा की आराधना संकल्प से सिद्धि और परम पद की ओर ले जाती है। उनकी भक्ति से यश, समृद्धि, अरोग्यता और आयुष्मान का आशीर्वाद मिलता है।
प्रदेश वासियों, श्रद्धालुओं एवं भक्तों के जीवन में यह दिन असीम शुभता लाए, यही प्रार्थना है।

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