मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य थे जो मौर्य वंश की स्थापना मगध में किए थे, जिनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी | मौर्य राजवंश के शासकों के वर्णों के विषय में इतिहासकारों में चर्चा है लेकिन बौद्ध जैन ग्रंथों में चंद्रगुप्त मौर्य को 'मोरिया क्षत्रिय' कहा गया है |
चन्द्रगुप्त मौर्य (323 ई.पू. से 295 ई.पू.).
> चन्द्रगुप्त मौर्य, मौर्य वंश के संस्थापक एवं प्रथम राजा थे।
> गुरु चाणक्य(विष्णुगुप्त मौर्य)की सहायता से 25 वर्ष की आयु में चंद्रगुप्त मौर्य ने अंतिम नंद शासक घनानंद को हराया।
> ब्राह्मण साहित्य (पुराणादि) विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस, चन्द्रगुप्त मौर्य को शूद्र, (निम्न कुल ) का बताती है
ग्रीक लेखक प्लूटार्क के अनुसार "चंद्रगुप्त मौर्य ने 6 लाख की सेना लेकर पूरे भारत को रौंद डाला और उस पर अधिकार कर लिया।" जस्टिन
ने भी इसी प्रकार के विचार प्रकट किए हैं।
> 305 ईसा पूर्व में चन्द्रगुप्त ने ग्रीक शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित किया। दोनों देशों के बीच वैवाहिक संबंध स्थापित हुए। सेल्यूकस ने अपनी बेटी का विवाह चन्द्रगुप्त मौर्य से किया, और चार प्रांत काबुल ,कंधार, मकरान, और हेरात चंद्रगुप्त मौर्य को दहेज में दिया।
> चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य उत्तर पश्चिम में ईरान (फारस ) से लेकर पूर्व में बंगाल तक उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में उत्तरी कर्नाटक (मैसूर) तक फैला हुआ था। चंद्रगुप्त मौर्य ने कर्नाटक के श्रावणबेलगोला में अपनी अंतिम सांस ली उसके बाद उनका पुत्र बिंदुसार मौर्य मगध के राजगद्दी पर बैठे ।