एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
जगज्जननी माँ दुर्गा के सप्तम स्वरूप माँ कालरात्रि की आराधना से नकारात्मक शक्तियों पर विजय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रदेश वासियों एवं भक्तों को माँ असीम शक्ति एवं अभयता का वरदान दें, यही प्रार्थना है।