इस फोटो में बॉडी लैंग्वेज देखिए। यह संभव नहीं कि विराट को मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा रही होगी। स्वयं ही CM ने बुलाया होगा।
जो नेता होते हैं, या जो नेताओं के सहयोगी होते हैं, उनके बैठने का एक तरीका होता है: कुर्सी पर दोनों हाथ पसार लेंगे और टाँग लम्बी कर लेंगे। इनका ‘कम्फर्टेबल’ हो कर बैठने से कोई वास्ता नहीं होता, ये केवल आप पर हावी होने का प्रभाव छोड़ना चाहते हैं।
कोहली ने हाथ-पाँव समेट रखे हैं कि यह मूर्खता शीघ्र समाप्त हो और वो मैदान/होटल को निकलें।
इनकी बातें ऐसी होती हैं जो इन्हें स्वयं समझ में नहीं आतीं। ये आपको किसी भी अनोखी वस्तु या अनुभव के बारे में बताना चाहेंगे जो केवल इन्हीं का रहा हो, या कम से कम आपका तो नहीं ही रहा हो।
मैं दो-चार बार ऐसे विचित्र प्राणियों से मिला हूँ, जब तक अत्यावश्यक न हो, इनसे बचिए। ये केवल स्वयं के ईगो सेटिस्फैक्शन के लिए आपको बुलाते हैं।