अनर्गल प्रश्नों के बीच कुछ सार्थक,,,

मुझे ध्यान नहीं एकबार किसी ने नदी से #रेत या बजरी निकाले जाने को लेकर पूछा था,, आज फिर एक मित्र ने पूछा कि इसमें अनुचित क्या है??

हमने उन्हें कहा कि अनुचित तो कुछ भी नहीं,, बस इतना भर है कि नदी #मर जाएगी,,कहने लगा कि इससे तो नदी साफ होती है और अच्छे से बह पाएगी,, देखने से तो बात सही भी लग रही है,,

हमने उन्हें यह कहा कि जैसे शरीर में #रक्त है,, हड्डी है मांस है,, अब कोई #मांस निकाल ले खनन करके और सिर्फ हड्डी छोड़ दे,, तो रक्त कहाँ रुकेगा?? कहाँ बहेगा??

सनातन में नदियां जीवंत सत्ता का प्रतीक हैं,, वे देवियां हैं,, एक को छोड़कर,, पत्थर हड्डी की जगह है,, रेत मांस की जगह और जल रक्त की जगह,, रेत जल को अपने अंदर सोखे रखता है और धीरे धीरे #रिसता रहता है तो नदियां सदानीरा बनी रहती हैं,, किसी भी नदी में रेत को थोड़ा हटाकर देखना नीचे जल रिसता दिखाई दे जाएगा यह कोई ऐसा विज्ञान नहीं जो समझ न आए,,

रेत #खनन कर लिया गया तो जल पत्थरों में कहां रुकेगा?? जो बरसाती नदियां हैं वे खनन से मर जाएंगी,, ग्लेशियरों से बहने वालियों के लिए भी रेत तो ऐसे ही आवश्यक है जैसे स्वस्थ शरीर में मांस,, इसके बिना जीवन संभव नहीं,,

ॐ श्री परमात्मने नमः। *सूर्यदेव*

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