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हरयाणा दिवस की सभी को बधाई 🌾🚜🐃🌾🎖️
एक महा जूठ फैलाया गया _ असल में अभी कई साल से एक होड़ सी लगी हुई है। की हरयाणा फलाने ने बसाया हरयाणा फलाने ने बसाया। एक जूठ को 100 बार जूठ बोलोगे तो वो सच लगने लगती है। ये सब अभी कुछ सालो से ज्यादा जूठ फैलाई जा रही है ताकि नए नए बच्चो के दिमाक में जूठ भरा जाए लेकिन जूठ जूठ होता है ।जूठ के पैर नही होते । ये बात हरयाणा में रहने वालो को भी नही पता खास कर नई पीढ़ी को की हरयाणा कैसे क्या बना।
अलग अलग टाइम पे नाम बदला गया गुड़गामा का गुरुग्राम बनाया वैसे हरयाणा का और उसकी जगहों का जैसे पुराने टाइम थानेसर कुरुक्षेत्र से पहले का जहा हर्षवर्धन बैंस जाट का राज था । हरयाली का एरिया था। आस पास का हर र्ष वर र्धन हरयाणा से हरियाणा बन गया हरियाली का प्रदेश
हरियाणा हरयाणा✅
जाट राजा हर्षवर्धन बैंस थानेश्वर,हरयाणा
सर्व खाप हरियाणा के निर्मातसम्राट हर्षवर्धन बैंस , इन्होंने ही ‘सर्वखाप पंचायत’ की नींव सन् 643 में रखी। जिसके इतिहास का समुचित रिकार्ड 7वीं सदी से लेकर आज तक का, स्वर्गीय चै० कबूलसिंह गाँव शोरम जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के घर लगभग 40 किलो भार में जर-जर अवस्था में उपलब्ध है।
नोट जाटों में खाप शुरू से ही है 5 वी शताब्दी में भी यशोवर्धन विर्क के नेतृत्व में खाप पंचायत का बहुत बड़ा सम्मेलन हुआ था । यशोवर्धन विर्क के नेतृत्व में ही जाट देवताओं ने हूणों को कूटा था।
100 साल पहले तक हरयाणा का आधे से ज्यादा हिस्से में जंगल टीब्बे होते थे। चौधरी छोटू राम के टाइम पे कुछ नहरे बनी पानी आने के बाद कुछ होने लगा। आज भी बागड़ एरिया में पानी की कमी है । हरयाणा पंजाब हिमाचल एक होते ते महा पंजाब कहते थे । बाद में भाषा के आधार पे अलग हुए थे। पंजाब में सिक्ख जाट हरयाणा में आर्य समाजी जाट थे।
जैसे महाराष्ट्र को मराठा गुजरात को पटेल यूपी बिहार को यादव के नाम राजस्थान के कुछ हिस्से राजपूत। वैसे राजस्थान में जाट ज्यादा हे राज भी जांगला देश पे जाटों ने किया। भरतपुर धोलपुर पे तो राज था । ही जाटों का वैसे ही हरयाणा को जाट के नाम से जानते है। अन्य पद्रेश वाले।
हर्षवर्धन ने विशाल हरयाणा सर्वखाप पंचायत की स्थापना की। इसके लेख प्रमाण आज भी चै० कबूलसिंह मन्त्री सर्वखाप पंचायत गांव शोरम जि० मुजफ्फरनगर के पासं हैं। हर्षवर्धन के अपनी पत्नी दुर्गावती से 2 पुत्र थे- वाग्यवर्धन और कल्याणवर्धन। पर उनके दोनों बेटों की अरुणाश्वा नामक ब्राहमण मंत्री ने हत्या कर दी। इस वजह से हर्ष का कोई वारिस नहीं बचा। हर्ष की मृत्यु के बाद, उनका साम्राज्य भी धीरे-धीरे बिखरता चला गया और फिर समाप्त हो गया। लेकिन उनके वंश के बैंस जाट आज भी थानेश्वर में 20 गामो में निवास करते है । हर्ष के पूर्वजो का गाम श्रीमालपुर में भी आज तक बैंस जाट निवास कर रहे है।
जटपुरा,अम्मिन,अधोल यमुनानगर में 7 गाम ,फरीदाबाद के दयालपुर में हिसार के खेहर और लाथल में कैथल और करनाल जिले में भी बैंस जाट है ।
पुरे भारतवर्ष में बैंस जाटों के 200 से ज्यादा गाव है जिनमे उत्तरप्रदेश के अमरोहा में 27 गाव(बसेड़ा कंजर,बलदाना,रुस्तमपुर ,बधोहिया,धनौड़ा,ध्योती,ड्योडी वाजिदपुर ,घोसीपुर ,मंडिया,इसेपुर,कालाखेडा,खजुरी ,खंड्सल,खुनपुर ,कूबी,लाम्बिया ,मंदयिया ,मुकारी,शाहपुर ,तसीहा,अकवादपुर है हापुड में पांच गाम जिनंमे बहलोलपुर प्रमुख है हरिद्वार में रुहल्की ,दयालपुर ,मुरादाबाद में सात (हाकीमपुर,मुन्डाला) ,पीलीभीत में 6,रामपुर में 2,बदायूं में 3 आगरा जिले में पांच ,गावो में शाहजहांपुर ,लखीमपुर ,नैनीताल ,उधमसिंह नगर में बड़ी संख्या में बैंस जाट निवास करते है । राजस्थान में भरतपुर जिले में 14 ग्राम(चिकसाना ,फतेहपुर,भोंट ,भौसिंगा ,कुरका ,पूंठ) बैंस (बिसायती) जाटों के है धोलपुर जिले में 4ग्राम बैंस जाटों के है मध्यप्रदेश में जाट पथरिया ,पारदी ,रायपुर में बैंस जाट है हरियाणा में कुरुक्षेत्र थानेश्वर के आसपास 20 गाम है शाहबाद,शादीपुर ,शाहीदा ,उदरसी,कमोदा,बागथळा, जटपुरा,अम्मिन,अधोल यमुनानगर में 7 गाम ,फरीदाबाद के दयालपुर में हिसार के खेहर और लाथल में कैथल और करनाल जिले में भी बैंस जाट है ।
पंजाब के गुरदासपुर में 16 गाव ,पटियाला जिले में 18,लुधियाना में 5 (मुश्काबाद ,तप्परियां ) जालंधर जिले में 28 गाव (तलहन ,आदमपुर ,कन्दोला,माजरा कलान,शहतपुर ,पुनु माजरा ,चक बिलसा ,मीरपुर ,महमूदपुर ,सरोवल ,सुन्दरपुर ,खोजपुर ,बैंस कलां, होशियारपुर जिले में 35 गाम (बैंस कलां ,बैंस खुर्द ,बैंस तनिवल,नांगल खुर्द ,कहरी,चब्बेवाल ,श्रीमालपुर,महिलपुर,गणेशपुर ,भलटा ) इसके अतरिक्त पंजाब में अलग अलग जिलो में 50 से अधिक गांवो में बैंस जाट निवास करते है ।

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