यदि आपका मस्तिष्क स्वतंत्र है। जिज्ञासा सात्विक है। तो आपको बाजार में जमे किसी स्थापित नाम के विचार के आश्रित रहने की आवश्यकता नहीं होगी। राह चलते एक साधारण मनुष्य की बातों में ही संसार का गूढ़ रहस्य मिल जाएगा।
विचार करें, क्या बुद्धि स्वतंत्र है? जिज्ञासा सात्विक है?