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जब राठौड़ क्षत्रियों ने की थी दिल्ली की सेंध और चांदनी चौक के युद्ध में मुगलों के मुख से छुड़ा लाए थे धोखे से कब्जे में लिए गए महाराजा अजीत सिंह राठौड़ को 🙂

निहसे खळा नवल रो, अग्गे दळा दुझाल।
हिच पड़ीयो रज रज हुवे, सांदु सुरजमाल।।

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