कहते हैं कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी अपने चेहरे पर उस तनाव को नहीं आने देते थे, लेकिन चेतक ने जब उनकी गोद में सिर रखकर प्राण त्यागे, तो महाराणा एक बालक की भांति रोने लगे थे
ये मित्रता ऐसी थी जो स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व न्योछावर क