प्रवीण द्विवेदी का एक्सीडेंट हो गया। वो रोड पर पड़े रहे। मां चीखती-चिल्लाती रही। रोती रही। गिड़गिड़ाती रही। लोगों के सामने हाथ जोड़कर बच्चे को हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहती रही। लोकसभा का चुनाव है। मौके पर भाजपा/कांग्रेस/बसपा के नेता मौजूद थे। कुर्ता पैजामा पहने अपनी कार लेकर खड़े रहे। लेकिन इस मां की किसी ने नहीं सुनी। शायद उन्हें अपना कुर्ता गंदा होने का डर था? या फिर अपनी गाड़ी से ले जाते तो उसे धुलवाना पड़ता? ये नेता जी की शान में गुस्ताखी होती? तभी तो इस माँ की चीख-पुकार सुनकर भी दिल नहीं पसीजा।
एंबुलेंस को फोन लगाया जाता रहा लेकिन क़रीब 3 घंटे बाद एंबुलेंस आई 25 साल के इस युवक को अस्पताल ले जाया गया। जहां युवक की मौत हो गई। शायद अगर समय रहते हॉस्पिटल पहुंचाया जाता तो......यह दृश्य बेहद मार्मिक है। याद रखें आपके 2 हजार के कुर्ते से कई गुना महंगी किसी की जान है। नेता और जनप्रतिनिधि बनने का ख्वाब देखने से पहले अच्छा इंसान तो बन लें। आप सबसे निवेदन है कि कभी भी ऐसी स्थिति बने बिना किसी चीज की परवाह किए तुरंत पीड़ित की मदद करें। दिल दहला देने वाली घटना MP के रीवा की है।
