संघर्ष का मैदान हो या खेल का मैदान, विनेश हमेशा जमकर लड़ती है. ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर खूब बधाई हो विनेश
अभी सिर्फ़ मैदान फतेह किया है, पूरा आसमान जीतना बाक़ी है. विनेश, उम्मीद है कि आप अपने संघर्ष से मैदान ही नहीं पूरा आसमाँ अपने नाम लिखोगी. जय हिन्द