1 y - Tradurre

म (मध्यम)- नाभिसे उठा हुआ वायु जब उर-प्रदेश और हृदयसे टकराकर मध्यभागमें नाद करता है, तब उसे मध्यम स्वर कहते हैं। इसका स्वभाव - शुष्क, रंग गुलाबी और पीला मिश्रित तथा स्थान कण्ठ है। इसकी प्रकृति चंचल है। इस स्वरके देवता महादेव हैं।
यह वात और कफ रोगोंका शमन करता है।

उदाहरण-कौआ मध्यम स्वरमें बोलता है।

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