1 y - Tradurre

प (पंचम) - नाभि, उर, हृदय, कण्ठ और शीर्ष- इन पाँच स्थानोंका स्पर्श करनेके कारण इस स्वरको पंचम कहते हैं। सात स्वरोंकी श्रृंखलामें पाँचवे स्थानपर - होनेसे भी यह पंचम कहा जाता है।

इसकी प्रकृति उत्साहपूर्ण, रंग लाल और स्थान मुख है। इसका देवता लक्ष्मी कहा गया है। यह कफ प्रधान रोगोंका शमन करता है। उदाहरण-कोयलका स्वर।

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