1 ذ - ترجم

🌹 🌷 ।। श्री ।। 🌷 🌹
जय सियाराम सुमंगल सुप्रभात प्रणाम बन्धु मित्रों। राम राम जी।
श्रीरामचरितमानस नित्य पाठ।। पोस्ट३२३, बालकाण्ड दोहा ६४, दक्ष यज्ञ विध्वंस।
सती मरनु सुनि संभुं गण लगे करन मख खीस।
जग्य बिधंस बिलोकि भृगु रच्छा कीन्हि मुनीस।।
भावार्थ;- जब दक्ष यज्ञ में सती ने शरीर का त्याग किया तब - सती का मरण सुनकर शिवजी के गण यज्ञ विध्वंस करने लगे। यज्ञ को विध्वंस होते देखकर मुनीश्वर भृगु जी ने उस यज्ञ की रक्षा की।
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