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विकृत मानसिकता वाले राजीव प्रताप रूडी जी को डॉ . रोहिणी आचार्य का करारा जवाब ..
Rohini Acharya
अपने नामांकन के पश्चात् की जनसभा में अपने दिए गए भाषण में फिर से सारण के सामंती सोच और क्षेत्र की जनता के सवालों से खीजने - भागने वाले सांसद सारण से जुड़ी समस्याओं - मुद्दों पर, सांसद के तौर पर अपनी नाकामी पर बोलने से बचते दिखे .. अपने संबोधन में सांसद महोदय दूसरों की बेहद निजी - पारिवारिक जिंदगी में तुच्छ रवैये से ताक - झांक और टीका - टिप्पणी करते दिखे , ऐसा चारित्रिक दोष सांसद महोदय की पारिवारिक व् राजनीतिक परवरिश की वजह से है या किसी और वजह से ये सांसद महोदय खुद तय कर लें ..
दूसरों के घरों के निजी मामलों में नाक घुसाने वाले सांसद महोदय का विवेक अगर लेश मात्र भी बचा है तो पहले अपने घर के उन निजी मामलों पर सार्वजनिक मंच से अपनी राय रखें , जिन मामलों की सुनवाई अदालत की चौखट तक पहुँची , जिसे खुद उनके संगों ने मुकदमे की शक्ल दी ..
सांसद महोदय संस्कार और शिक्षा की बातें तो करते हैं , मगर उनके आचरण और व्यवहार में न तो उनकी शिक्षा झलकती है और ना ही संस्कार .. अगर वो संस्कारी होते तो क्या अपने सगों ( महिला - पुरुष दोनों ) के साथ अपने अंगरक्षकों को बदसलूकी - दुर्व्यवहार करने की इजाजत देते ? सांसद महोदय की शिक्षा अगर सही होती तो क्या वो अपनी पुत्री - अपनी पत्नी के ससुराल के पते को आधार बना कर उन्हें भी टूरिस्ट बताते ? ..
सांसद महोदय .. आसन्न हार की बौखलाहट में ये भूल जाते हैं कि मैं रोहिणी आचार्य बिहार की बेटी हूँ , बिहारी और हिंदुस्तानी खून ही मेरी रंगों में दौड़ता है और मेरे नाम का सही अर्थ रौशनी बिखेरने वाला सितारा/ तारा है .. मैं 'रयूड रूडी' नहीं हूँ ..
सांसद महोदय .. कहते - पूछते हैं कि मेरा पता क्या है ? जवाब देने से पहले मैं उनसे पूछती हूँ : मोदी जी के बनारस का पता क्या है ? स्मृति ईरानी के अमेठी का पता क्या है ? चिराग पासवान के हाजीपुर का पता क्या है ? विवेक ठाकुर के नवादा का पता क्या है ? अरुण भारती के जमुई का पता क्या है ? नीतीश कुमार जी के बाढ़ का पता क्या था ? .. सांसद महोदय .. मैं जानती हूँ कि इन सबों से पता पूछने की आपकी हैसियत नहीं है और ना ही हिम्मत..
सांसद महोदय .. मैं तो बिहार की बेटी हूँ , सारण के समीप फुलवरिया मेरा ददिहाल - मायका है , सरायकेला मेरा ननिहाल है , हिच्छन बिगहा मेरा ससुराल है , चुनावी हलफनामे में दिया गया पता मेरा स्थायी पता है और अब छपरा में रौजा मेरा स्थानीय पता है ..
सांसद महोदय .. मैं आपकी तरह नहीं हूँ , जो हवा - हवाई जिंदगी जीते हैं और छपरा के स्थानीय होने के बावजूद जिसके कदम यदा - कदा ही छपरा की धरती पर पड़ते हैं .. अपने पति , अपने परिवार के साथ पत्नी - मातृ धर्म का निर्वाह करते हुए मैं सिंगापुर में रहते हुए भी एक साल में जितनी दफा अपनी भूमि , अपने घर बिहार आती हूँ , उतनी दफा तो आप देश में रहते हुए पांच वर्षों में सारण तक नहीं आते .. मैं क्या बोलूं .. सारण की जनता ही कहती है कि वर्षों से सांसद महोदय का चेहरा तक नहीं देखा है .. ज्यादातर लोग तो सांसद महोदय को पहचानते तक नहीं ..
सांसद महोदय दूसरों को मुखौटा बताते हैं और खुद अपने काम पर नहीं अपितु मोदी जी के मुखौटे के नाम पर वोट माँगते हैं .. मैं तो अपनी पार्टी की सरकार के शासनकाल में सारण में हुए उल्लेखनीय काम के नाम पर सारण की जनता से आशीर्वाद स्वरुप वोट अपील करती हूँ .. सारण व् बिहार के सन्दर्भ में लालू जी - तेजस्वी यादव जी की विकासोन्मुखी उपलब्धियों को गाईड - लाईन मानते हुए सारण को उदाहरण बनाने की बात करती हूँ , सांसद महोदय की तरह मुद्दों से मुँह चुराते हुए बड़बोली करने की बेवकूफी नहीं करती ..
सांसद महोदय .. सारण की समस्याओं की बात किया कीजिए , सारण के विकास के लिए आपने कुछ किया ही नहीं , इस सच को स्वीकार कीजिए और सारण की जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांग कर प्रायश्चित कीजिए..
पुनः दुहराना चाहूँगी "दूसरों की निजी - पारिवारिक जिंदगी में बेवजह की ताक - झांक और टीका - टिप्पणी बंद कीजिए , न्याय देने - दिलाने की शुरुआत अपने घर से कीजिए , अपने संगो के साथ न्याय कीजिए , सारण की जिस भूमि को आप अपनी जन्म-भूमि सिर्फ दिखावे के लिए बताते हैं उसको क्या दिया है आपने ? जरा ये बताईए और फिर उपदेश व् झूठी शेखी बघारिए "...

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