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आज बात करते हे हरियाणा के चरखी दादरी में जन्मी देश की आन बान और शान विनेश फोगाट के बारे में.....
हालिया वर्षों में भारत से उभरे बेहतरीन पहलवानों में से एक के तौर पर विनेश फोगाट ने मैट पर अपना शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए कुश्ती की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है।
दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेल में तीन स्वर्ण, विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियाई खेल में एक स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं। उन्हें 2019 में विश्व चैंपियनशिप कांस्य के अलावा 2021 में एशियाई चैंपियन का ताज पहनाया गया था।
विनेश अपनी चचेरी बहन गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेक़दम पर चल रही हैं। वह भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने बहुत ही कम उम्र में उनका इस खेल से परिचय करवा दिया था।
हालांकि जब विनेश फोगाट ने कुश्ती शुरू की थी, उस दौरान गीता खुद को धीरे-धीरे राष्ट्रीय मंच पर स्थापित कर रहीं थीं। उन्हें भी आगे चलकर इसी तरह की बाधाओं और असफलताओं को दूर आगे बढ़ना था।
विनेश को भी गांव के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्हें लगता था कि कुश्ती सिर्फ पुरुषों का खेल है और महिलाओं को बस घरों तक सीमित रहना चाहिए। महज़ नौ साल की उम्र में विनेश को अपने पिता की अचानक हुई मौत का दुख झेलना पड़ा।
विनेश ने इस वर्ष होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए 50 किग्रा भार वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल किया है 🙏

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