1 y - çevirmek

मायके का सुख सदा चेहरे में झलकता है।
ससुराल के सुख से किरदार निखरता है।
दोनों घरों को तन मन से भी माना जाए।
तो दर्पण की भाती यह समाज संभलता है।

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