1 ذ - ترجم

🌹 🌷 ।। श्री ।। 🌷 🌹
जय सियाराम सुमंगल सुप्रभात प्रणाम बन्धु मित्रों। राम राम जी।
श्रीरामचरितमानस नित्य पाठ पोस्ट ३४२, बालकाण्ड दोहा ७०/१-४, मैना जी का संदेह।
अस कहि ब्रम्हभवन मुनि गयऊ।
आगिल चरित सुनहु जस भयऊ।।
पतिहि एकांत पाइ कह मैना।
नाथ न मैं समुझे मुनि बैना।।
जौं घरु बरु कुल होइ अनुपा।

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