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🌟 95 साल की उम्र में गोल्ड मेडल की धूम: भगवानी देवी का अद्भुत सफर

95 साल की उम्र में, भगवानी देवी ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। 🤩 फिनलैंड में हुए वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने तीन पदक जीतकर सबको हैरान कर दिया। 🎖️

100 मीटर दौड़ में 24.74 सेकंड में गोल्ड मेडल 🥇, शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया। 🥉🥉 उन्हें प्यार से 'दादी जी' कहा जाता है और उनके कुल 15 पदक हैं, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं शामिल हैं। 🇮🇳

भगवानी देवी का यह सफर प्रेरणादायक है। उनके पोते और कोच, विकास डागर की सहायता से, वह नियमित वार्म-अप और हल्की एक्सरसाइज पर ध्यान देती हैं ताकि चोटों से बचा जा सके। 💪 उनके कोच विकास डागर ने उनकी इस अद्भुत यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प का यह परिणाम न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। 🌟

शुरुआत में शॉट पुट में रुचि न होने के बावजूद, समय के साथ उनका जुनून बढ़ा और वह एक प्रसिद्ध एथलीट बन गईं। 🤾‍♀️ उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। 🌈 उनका सफर यह साबित करता है कि किसी भी उम्र में सपनों को पूरा किया जा सकता है। 🏆

भगवानी देवी की कहानी न केवल एथलीट्स के लिए बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणादायक है। 💖 उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपके पास साहस और समर्पण है, तो आप किसी भी उम्र में असंभव को संभव बना सकते हैं।

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