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पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारतीय तिरंगा एक बार फिर ऊंचा लहराया, जब 19 वर्षीय शटलर नित्या श्री सिवन ने कांस्य पदक जीतकर देश को गर्व का एक और मौका दिया। 🏅🇮🇳 नित्या ने यह ऐतिहासिक जीत महिलाओं की सिंगल्स SH6 इवेंट में इंडोनेशिया की रीना मार्लिना को सीधे सेटों में 21-14, 21-6 से हराकर हासिल की। यह नित्या का पहला पैरालिंपिक था, और उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
1 जुलाई 2005 को तमिलनाडु के होसुर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी नित्या ने शुरुआत में क्रिकेटर बनने का सपना देखा था। उनके भाई, जो जिला स्तर पर क्रिकेट खेलते थे, से प्रेरित होकर नित्या भी क्रिकेट की ओर आकर्षित हुईं। लेकिन 2016 के रियो पैरालिंपिक में लिन डैन को खेलते देख उन्होंने बैडमिंटन में करियर बनाने का फैसला किया। 🏸
इसके बाद नित्या ने स्थानीय बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया और बाद में उन्नत प्रशिक्षण के लिए लखनऊ चली गईं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें जल्द ही पैरा-बैडमिंटन की दुनिया में चमका दिया। 2022 एशियन पैरा गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीन-तीन कांस्य पदक जीतने के बाद, नित्या ने 2024 फोर नेशंस पैरा बैडमिंटन में भी स्वर्ण और रजत पदक हासिल किए। 🏆
नित्या श्री सिवन की यह यात्रा दृढ़ संकल्प और मेहनत का सटीक उदाहरण है, जिसने उन्हें पैरालिंपिक पदक विजेता बनाया। उनकी सफलता भारत के लिए गर्व का पल है और आने वाले एथलीट्स के लिए प्रेरणा। 🎉

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