ये उन दिनों की बात है जब पूरे गांव में लैंडलाइन फोन या मोबाइल की सुविधा नहीं थी,तब घर के चूल्हे पर रखे तवे को हँसता देख घर की महिलाएं 2–4 रोटी एक्स्ट्रा बना देती थी और घर वालों को संकेत कर देती थी कि आज कोई न कोई मेहमान आने वाले हैं। घर के सभी सदस्य भी तवे को अलर्ट मोड में देख कर खुद भी अलर्ट हो जाते थे। एक जिज्ञासा होती थी कि आज कौनसे मेहमान आने वाले हैं?तब घर वाले अलग–अलग आइडिया लगाते थे की आज कौनसे मेहमान आयेंगे? कई महिलाएं तवे को हंसता देखकर कहती छोरे के मामा आये तो हंसना बन्द कर, छोरे की बुआ आये तो हंसना बन्द कर ऐसे काफी उदाहरण देती व जिसके उदाहरण के समय तवा हंसना बन्द करता उस बात से अंदाजा लगा लेती कि आज कौन मेहमान आने वाले है कई बार यह अंदाजे सच भी होते थे। हालांकि तवे के नीचे चिंगारियां दिखने का वैज्ञानिक कारण तो यह होता है कि तवे ने नीचे लगी धुएं की कालिमा में कार्बन के अंश रह जाते थे फिर रोटी बनाते वक्त आग जलाते तो कभी कभी वे कार्बन के कण चिंगारी के रूप में सुलगते तो वे सुंदर से दिखते जिसे लोग "तवा हँसना" कहते व किसी मेहमान के आने का संकेत करते।
क्या आपने भी ये सब देखा हैं ? 😊
