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ISRO ने PSLV-C59 रॉकेट के जरिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के Proba-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में कृत्रिम सूर्यग्रहण बनाकर सूर्य के सबसे चमकदार हिस्से, यानी कोरोना (sun corona), का अध्ययन करना है। ESA अपनी सैटेलाइट की मदद से सूर्य की रोशनी को रोककर यह प्रयोग करेगा। पृथ्वी पर पूर्ण सूर्यग्रहण औसतन हर 18 महीने में एक बार होता है, जो कुछ मिनटों के लिए होता है। हालांकि, प्रोबा-3 इस मिशन के तहत सूर्य के किनारे के करीब से निरीक्षण करने में सक्षम होगा, जो इससे पहले के किसी उपकरण से संभव नहीं था। यह मिशन 19 घंटे 36 मिनट की कक्षा में छह घंटे तक सूर्य का अध्ययन करेगा। दोनों सैटेलाइट एक लाइन में 150 मीटर की दूरी पर सूर्य का अध्ययन करेंगे और सोलर हवाओं और कोरोनल मास इजेक्शन पर भी शोध करेंगे।

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