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आदिवासी योद्धा को सैल्यूट ❤️✊
आदिवासियों के विद्रोह की शुरुआत 1757 के बाद से जिसमे आगे रहा कोरकू_समुदाय
पूरा देश ब्रिटिश हुकूमत के कब्जे में था अंग्रेजों द्वारा देशभर के लोगो पर शोषण और अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था। पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था। ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी झेल रहा देश अत्याचार सहते हुए खून के आंसू रो रहा था। इसी समय काल में विश्व के अलग-अलग हिस्सों से शोषण और दमनकारी नीति के खिलाफ आवाज उठाने वाले कुछ बाशिंदों का जन्म हुआ। जिनमें इतिहास के पन्नों से कोसों दूर आदि आदिवासी समुदाय का वह मसीहा जिसका नाम है रेंगू कोरकू।

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