ऐसे तो ग्राम ढोषण से सभी लोग हमारे साथ चलते
पर एक राजू चाचा हैं जिन्होने अपना बचपन गांव से शुरू किया व गांव में बिताया बकरी पालन किया व कर रहे आज भी
वो अपनी इस ड्यूटी के शक्त हैं समय पर जाना व आना 👍
मेने उन्हें कभी किर्केट खेलते हुयें या बेट पकड़ते नहीं देखा लेकिन किर्केट के प्रति उनका जुनून देखा 5 साल से राजू चाचा हमारे साथ ट्रॉफी त्याड़ो गाढ़ में उतारते व खुद ट्रॉफी पकड़ते व गाड़ी की छत पर बैठते हमें भी अच्छा लगता इतने उम्र दराज के लोगो से सीखना चाहिये वो सिर्फ संस्कृति नाम के लिये जी रहे आज भी
कोटि कोटि प्रणाम 🙏❤️
