कल, आज और कल...अटल

जिनकी संस्कृति में पगी सोच और दूरदर्शी पहलों ने भारतीय राजनीति और समाज जीवन का अडिग-अमिट अध्याय लिखा, उन अटल जी के शताब्दी वर्ष पर गोवा में पाञ्चजन्य के तीसरे 'सुशासन संवाद' पर विशेष आयोजन!

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