#दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से मीडिया में ग्रंथि और पुजारी की सम्मान पेंशन को लेकर बड़ी बहस चली हुई है। हमने 2015 में पुजारियों, ग्रंथियों , पादरियों, मौलवियों, शिल्पियों, ढोल वादकों, कलाकारों, पत्रकारों आदि सभी वर्गों के लिए पेंशन सम्मान योजना लागू की। हमारा नाम न मीडिया में और न सम्मान पाने वालों के मध्य चर्चा हो पाई, इसी कला का नाम #केजरीवाल है। अभी दिया नहीं बिना दिए चर्चा ही चर्चा है।
