ठाकुर के दो आगे ठाकुर, ठाकुर के दो पीछे ठाकुर, बढ ना पाये तीनों ठाकुर । कुंठित रह गये भीतर-भीतर। बढ ना जाये अगला ठाकुर, खींच रहा है पिछला ठाकुर। बाहर खूब दिखावा करते, कुढ़ते रहते भीतर भीतर। जहां खड़ा था पहला ठाकुर। वही खड़ा हैं अब भी ठाकुर। भारत का दुर्भाग्य देखिये। सुधर नहीं पाते हैं ठाकुर। अन्य जातियाँ हो गयीं आगे। एक नहीं हो पाये ठाकुर ।। सभी राजपूतो के लिये क्योंकि * कडवा है पर है तो सच...
जय राजपूताना 🦅

Amelia Grant
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