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आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रचनाओं में ग़रीबी, पराधीनता, राष्ट्रप्रेम व अमानवीय शोषण का चित्रण है. हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में उनका अहम योगदान था. अंधेर नगरी, भारत दुर्दशा, चंद्रप्रभा प्रमुख रचनायें हैं पुण्यतिथि पर सादर नमन🙏

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